Published On:
Labour Minimum Wages 2025: सरकार ने 2025 के लिए न्यूनतम मजदूरी के नए मानदंडों पर चर्चा तेज कर दी है। इन बदलावों का उद्देश्य कामगारों की क्रय-शक्ति बढ़ाना और महँगाई के दबाव को कुछ हद तक कम करना है। नीचे हमने नए वेतन दरों, लागू होने की संभावित तिथियों और प्रभावों का संक्षेप दिया है।
हालिया प्रस्तावों के अनुसार कई क्षेत्रीय और श्रेणीगत श्रमिकों के लिए बेसिक रेट्स बढ़ाये जा रहे हैं। राज्य-स्तर पर अलग-अलग संशोधन लागू होंगे, जबकि केंद्रीय नियमन से कुछ मानक वार्षिक समायोजन तय किये जा सकते हैं।
बुनियादी तौर पर, जिन श्रेणियों की वर्तमान मजदूरी न्यूनतम सीमा के करीब है, उन्हें सबसे अधिक लाभ मिलने की संभावना है।
मुद्रा-शक्ति में सुधार और घरेलू खर्च की पूँजी बढ़ सकती है, परन्तु कुछ छोटे व्यवसाय उच्च मजदूरी लागत के चलते कीमतें बढ़ा सकते हैं या कर्मचारी संरचना में परिवर्तन कर सकते हैं। नीति-निर्माताओं का लक्ष्य इन प्रभावों को संतुलित करने का रहेगा।
नौकरी देने वालों और कर्मचारियों—दोनों को अपने अनुबंध, भुगतान रिकॉर्ड और स्थानीय श्रम विभाग की अधिसूचनाओं पर नज़र रखनी चाहिए। यदि आप नियोक्ता हैं, तो नई दरों के मुताबिक पेरॉल समायोजन करने की तैयारी रखें। कर्मचारी नए रेट के बारे में आधिकारिक सूचना मिलने पर अपने अधिकारों के लिए जांच कर सकते हैं।
Join the conversation