राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में पिछले 24 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। कई इलाकों में सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया है, जिससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। इस बीच, यमुना नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
जलभराव (waterlogging) की सबसे गंभीर स्थिति दिल्ली के कनॉट प्लेस, मिंटो रोड, आईटीओ, मथुरा रोड, मुनिरका अंडरपास और रिंग रोड जैसे प्रमुख क्षेत्रों में देखने को मिली। इन जगहों पर घंटों तक भारी ट्रैफिक जाम लगा रहा, जिससे ऑफिस जाने वाले और अन्य यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कई सड़कों के लिए एडवाइजरी जारी की है, और लोगों से इन रास्तों से बचने की सलाह दी है।
यातायात विशेषज्ञों के अनुसार, अचानक हुई इस भारी बारिश के कारण दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर भी वाहनों की लंबी कतारें देखी गईं, जिससे आम लोगों की मुसीबतें और बढ़ गईं।
लगातार बारिश और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। ओल्ड रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर चेतावनी स्तर 204.5 मीटर के करीब पहुंच गया है। अधिकारियों के मुताबिक, अगर जलस्तर खतरे के निशान 205.3 मीटर को पार करता है, तो दिल्ली के निचले इलाकों जैसे मयूर विहार, वजीराबाद और रिंग रोड के आसपास बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा। प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है और बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आने वाले कुछ घंटों के लिए दिल्ली के लिए 'येलो अलर्ट' जारी किया है, जिसमें गरज के साथ और अधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है। दिल्ली सरकार ने सभी संबंधित विभागों को हाई अलर्ट पर रखा है और जलभराव को कम करने के लिए विशेष टीमें तैनात की हैं। आपदा प्रबंधन टीमें किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सरकार ने लोगों से घर में रहने और सिर्फ आवश्यक होने पर ही बाहर निकलने का आग्रह किया है।
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